आज का विषय मंगल ग्रह पर आधारित है | ज्योतिष के अनुसार यह ग्रह सूर्य की शुभ अशुभता पर निर्भर करता है, यदि जातक की कुंडली में सूर्य शुभ है तो मंगल भी शुभफलकारी होगा | सूर्य हमें प्रकाश देता है किन्तु उससे जो गर्मी निकलती है वही मंगल है | इसलिए सूर्य का प्रकाश जितना तेज होगा, गर्मी भी उतनी ही ज्यादा होगी | इसका रंग ठीक वैसा ही है जैसा सुलगते हुए कोयले का होता है | आइये जानते हैं कैसा फल प्राप्त होता है शुभ अशुभ के समय |
शुभ होने की स्थिति में :- जातक बाल्यकाल से ही स्वस्थ होता है, यदि कोई व्याधि उत्पन्न होगी भी तो उदर ( पेट ) में होगी जो ज्यादा पीड़ादायक या लंबे समय तक न रहेगी | ऎसे जातक को अपने छोटे भाई व मित्रों से पूर्ण लाभ मिलता है | ऎसा जातक अपने भाई व मित्रों के लिए अपनी जान तक देने को तैयार रहता है, और उनसे सुख प्राप्त करता है | लालीमा वर्ण, सेना नायक, सेनापति, प्रबन्धक, लीडर, नेता, शस्त्र विद्या, भाईओं व मित्रों का सुख, बलिष्ठ शरीर, धीर गंभीर, नियम से रहने वाला, दक्षिण द्वार वाला मकान, साहसी, तेजवर्ण, क्षत्रीय, किसी से भी भिड़ जाने वाला, पहरेदार, सतर्क, साझेदारी, किसी को भी धोखा न देने वाला, विश्वासपात्र, 28-33 वर्ष में भाग्योदय, संतान का पूर्ण सुख मिले, भूमिपति, लाल नेत्र, गर्मी अधिक लगना, लंगोट का पक्का | ये सभी गुण शुभ मंगल के हैं |
अशुभ होने की स्थिति में :- बाल्यकाल से ही पेट का रोगी, जिद्दी व शैतान, भाईयों व मित्रों से हानि, कष्ट अथवा अल्पसुख, गलत संगत, शरीर अथवा चेहरे में अधिक मात्रा में जले व कटे के निशान, अविश्वासी, वहमी, साझेदारी से नुकसान, छोटी छोटी बातों पर मारपीट करने वाला - झगड़ालू, बैडोल शरीर, चेहरे में दाग धब्बे व फुंसीयां, रक्त पेट व गुर्दे के विकार से पीड़ित, बवासीर की बीमारी, शरीर में जगह जगह गांठ का होना, मंगल कार्य न होना अथवा हर मंगल कार्य में बाधा पहुँचाना, मंगल कार्य के बाद क्लेश करना, गैर कानूनी हथियार रखना, घर पर रोज क्लेश व मारपीट होना, नशे का आदी होना, हथियार से मृत्यु, मांस अंडे का अधिक सेवन करना, अधार्मिक होना, अहंकारी होना, हर आदेश के विपरीत कार्य करना, चोरी या डाका डालना, पेट में वात व कब्ज का रहना अथवा आंतो में सूजन रहना, अत्यधिक तैलिय व मसालेदार भोजन करना, मांस बेचने वाला अथवा व्यापार करने वाला, रंजिश करने वाला, संतान का उत्पन्न होकर नष्ट होते जाना | यह सभी लक्षण अशुभ मंगल के हैं |
उपाय :- यदि मंगल बहुत अशुभ हो रहा हो तो दक्षिण द्वार वाले मकान से अशुभता में वृद्धि होगी, इसलिए दक्षिण द्वार को वहां से हटा दें, या वह मकान छोड़ दें | मीठी रोटी तंदूर में सेककर कुत्ते और कौवे को दें | हनुमान मंदिर में जाकर मीठा पान चढ़ाएं, 10- 15 मिनट तक ध्यान करें, नशे के सेवन से बचें, मिर्च मसाला व तैलिय भोजन से परहेज करें, शराब मांस अंडे को त्यागे, साझेदारी से बचें | घर पर दोस्तों को बुलाकर मीठा भोजन कराएं | सेहत के लिहाज से मंगल का बुध के साथ युति शुभ नहीं होती, इसलिए हरी सब्जी, मटर व कच्चे फलों से परहेज करें | साबुत लाल मिर्च के उपयोग से नाभी के रोग उत्पन्न हो सकते हैं इसलिए इसका त्याग करें | पेट की कमजोरी व विकार की स्थिति में, 43 दिन लगातार दूध में मीठा डालकर, बड. के पेड़ पर डालें तथा उसकी गीली मिट्टी का तिलक अपने माथे पर लगाएं, चाँदी धारण करें, व शिव की उपासना करें | जन्मदिन अथवा वर्ष में एक बार 400 ग्राम मसूर की दाल धर्म स्थान पर दें | 28 - 33 के मध्य विवाह न करें | लाल गाय को अपने वजन के बराबर हरा चारा दें, ध्यान रहे कि गाय अंगविहीन न हो | घर पर सभी साथ मिलकर भोजन करें | ऎसा करने से मंगल की कृपा प्राप्त होगी |
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