Sunday, 13 May 2018

राहु ग्रह

                       

आज का विषय छाया ग्रह 'राहु' पर अधारित है, इस ग्रह से संबंधित जितना भी लिखा जाए वह कम ही होगा | सम्पूर्ण ब्रह्मांड, जिसका कोई अंत नहीं, सम्पूर्ण पराशक्तियाँ जिसका पूर्ण ज्ञान अभी तक हुआ नहीं, ऎसी बीमारियां जिसका इलाज अभी तक मिला नहीं ( जैसे सर्दी, जुकाम, बुखार, विषाणुओं से फैलने वाली सभी बीमारियाँ  ), इनसे सिर्फ राहत प्राप्त करने के लिए औषधि का प्रयोग किया जाता है, किन्तु यह अपनी अवधि में ही ठीक होती है, अन्यथा हमेशा लगी रहती है | दोनों ही छाया ग्रहों ( राहु, केतु ) की अपनी कोई राशि व भाव नहीं है, इसलिए कुण्डली देखकर इसकी शुभता अशुभता आसानी से ज्ञात कर पाना असंभव है | यह कब क्या करदे या करवादे, कुछ नहीं कहा जा सकता, सुबह कुछ होता है और शाम कुछ, जितनी शक्ति से ऊँचा पद दिलवाता है उतनी ही शक्ति से छीन भी लेता है | इसका बस चले तो चीटी बनकर हाथी को मार दे, तिनका बनकर नदी पार करवा दे,  संभव को भी असंभव कर दे व असंभव को संभव | आइए जानते हैं कि क्या प्रभाव रहता है इसका जातक के जीवनकाल में |

जब शुभ हो तो  :-  ऎसा जातक जन्म लेने से पहले ही अपना प्रभाव व शक्तियां दिखला देता है, ऎसे जातक का जन्म असामान्य होता है, बाल्यकाल से ही वह विलक्षण प्रतीत होता है, ऎसे जातक के साथ घटनाए भी विचित्र घटित होती है ( पराशक्तियों से संबंधित अथवा बल, बुद्धि, धन से संबंधित या कुछ ऎसा जिसे बयान करना कठिन हो ), किसी भी अदृश्य जीव अथवा भविष्य को देख लेना, फूंक मार कर हर बीमारी को उड़ा देने वाला, मर कर भी जिंदा हो जाने वाला, अनपढ़ होते हुए भी पढे लिखे का गुरु, ऊँचे सिंहासन पर विराजित करने वाला, छोटी उम्र में अपने से बड़ों को सलाह देने वाला, एक शब्द में ही लोगों का भाग्य बदल देने वाला, टेलीविजन व मीडिया से संबंधित कार्य, धार्मिक यात्रा करने वाला, शुद्ध कपूर - औषधि - धूप - हवन का धुआं, धर्म गुरु, विख्यात कर देने वाला, मोटापा किन्तु स्वस्थ और लचीला, पहलवानी,शौर्य, साहस, योग गुरु, मोक्ष की प्राप्ति , बिजली से संबंधित कार्य, नयी खोज या अविष्कार, हाथी को पालना उसकी सेवा, महावत, रंक को राजा बनाने वाला, अपनी किसी प्रिय वस्तु या भोजन का जीवनकाल तक त्याग करने वाला ,ससुराल एवं दूर के रिश्तेदारों से उत्तम सुख व लाभ प्राप्त करने वाला, पूरी दुनिया को झुका देने वाला, कार्य पूरा होने तक ना सोने वाला ( सन्‌की ), आकाश का ज्ञान, किसी विचित्र प्रकार की बीमारी अथवा व्याधि जो कभी पकड़ में न आए (  जातक के लिए हानिकारक नहीं ), देवताओं से संपर्क या उनकी शक्ति को महसूस करना, स्वप्न में या खुली आँखो से प्रभु के दर्शन, नियम संस्कारों का पालन करने वाला, प्रकृति की शक्ति, सर्प मणि, मिट्टी को भी सोना बना देने वाला, गरीब कोड़ी लाचार की सेवा व सहायता करने वाला, 42 वर्ष के बाद भाग्योदय व राजयोग कारक, निरोगी जीवन व पूर्ण आयु | इस प्रकार के कर्म, लक्षण व प्रभाव शुभ राहु की ओर इंगित करते हैं |

अशुभ अवस्था में हों तो :-  प्रकृति जनित बीमारियों का लगा रहना, मानसिक विकार ( जैसे पागलपन, खुद से बड़बड़ाना अथवा विकृति ), नशे की ओर आकर्षित होना या नशे द्वारा अपनी व्याधि को दूर करने का प्रयास करना, अल्पायु या बाल्यकाल में ही मृत्यु को प्राप्त होने वाला, भूत प्रेत बाधा से पीड़ित, ससुराल व दूर के रिश्तेदारों से क्लेश व हानि, असाध्य रोगों से पीड़ित, घर पर गन्दगी का होना, घर की चौखट से गंदी नाली का निकास होना या बहना, युवावस्था में ही शरीर की ऊर्जा का खत्म होना, कोड़ी अथवा विक्षिप्त को कष्ट देना, भूत प्रेतों से किसी लालच के लिए संपर्क करना अथवा पूजना, करंट लगने से मृत्यु को प्राप्त होना, मृत्यु के पश्चात मृत्यु के कारणों या शरीर (  लाश ) का पता न चल पाना, धर्म की आड़ में पाप कर्म करना, 42 साल की उम्र में किसी असाध्य रोग का लगना ( केंसर, मधुमेह, आदि ),मोटापा ( रोगी व आलसी ), जिद अथवा जोश में आकर योग या अन्य गतिविधि करके अपना अंग भंग कर लेना, दुखी रहना, घर पर बीमारियों का घूमते रहना, शरीर का गुरुत्वाकर्षण का बिगड़ जाना, औषधि अथवा दवाई का शरीर पर कोई असर न पड़ना, बिजली के खराब उपकरण इकठ्ठा कर रखने वाला, नशा बांटना, पवित्र स्थान, जल व नदियों का अपमान करना उसमे मल मूत्र का त्याग करना, नशे कोयले व कचरे का धुंआ, अधिक मात्रा में एसिड का प्रयोग, शक करने का आदी या शक्की प्रवृत्ति, गन्दगी में रहना, लंबे समय तक स्नान न करना, घर पर पूर्णतया अंधकार रखना, आसमानी बिजली के गिरने से हानि होना, सोने को भी नशे के लिए बेचने वाला, हाथी के अंगों की तस्करी के लिए उसे मारना, बिल्लियों का रोना, मकान की छत का अकारण ही अवाज करना या कंपन्न करना | यह सभी अशुभ राहु के लक्षण हैं |

उपाय  :-   चांदी का कड़ा धारण करें, रसोई घर में बैठकर ही भोजन करें, किसी के खिलाफ झूठी गवाही न दें, कोड़िओं की सेवा करें | बीमारी के समय, 2 दिन लगातार दली हुई मसूर की दाल व रुपया पैसा ( 11,21,51 या 101 ) मरीज के सिर से पैर तक 7 बार वारकर कोड़ी या सफाई कर्मचारी को दें, 43 दिन लगातार जौ रात को भिगोकर प्रातः जानवर या पक्षियों को डालें | जब दवाई असर न कर रही हो, तो अपने वजन के बराबर जौ, गौ मूत्र से धोकर जल प्रवाह करें | शिव की अराधना करें, माँ सरस्वती के मन्त्रओं का जाप करें, शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाएं | सरकारी झगड़े उत्पन्न हो गये हो तो, अपने वजन के बराबर कच्चे कोयले जल प्रवाह करें | अपने घर से सभी प्रकार के खराब विद्युत उपकरण हटा दे | अपना चरित्र उत्तम बनाए रखें |

दो पंक्तियों में राहु के प्रभाव का वर्णन !
शुभ :-  जिसे राहु तारे, उसे दुनिया में कौन मारे  |
अशुभ :-  जिसे राहु मारे, उसे दुनिया में कौन तारे  |
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