ज्योतिष शास्त्र में जहां ग्रहों की गति एवं उसकी दशाओं के आधार पर किसी भी व्यक्ति के जीवन में आने वाली परिस्तिथि, उतार चढ़ाव एवं सुख दुख का आंकलन किया जाता है | वहीं ग्रहों की दशा महादशा से भी व्यक्ति के जीवन में शुभ अशुभ परिस्तिथी बनती रहती है | कुछ दशा महादशा शुभ फल देती है तो कुछ अशुभ,
नीच स्थान में होने पर शुभ ग्रह भी विपरीत प्रभाव देते हैं और उच्च स्थान में होने पर अशुभ ग्रह भी शुभ फल देते हैं | अगर आपके जीवन में भी किसी ग्रह विशेष की दशा महादशा में परेशानी और कठिनाई आ रही है, तो आप क्या उपचार कर सकते हैं , आइये देखें...!
सूर्य महादशा निवारण :
सूर्य की महादशा में आपको ब्राह्मणों को तांबे के बर्तन में गेहूं का दान देना चाहिए | आदित्य हृदय स्तोत्र का प्रतिदिन सुबह स्नान करके पाठ करना चाहिए | सूर्य देव की सफेद फूल एवं लाल चंदन से पूजा करनी चाहिए और अर्ध्य देना चाहिए | जब आप किसी विशेष काम से घर से बाहर निकलें तो गुड़ की एक डली मुंह में डाल पानी पिएं फिर जाएं | ताम्बे की अंगूठी में सवा पांच रत्ती का माणिक सीधे हाथ की अनामिका उंगली में रविवार के दिन धारण करना चाहिए |
चन्द्र महादशा निवारण :
चन्द्र की महादशा होने पर आपको चन्द्र की वस्तु जैसे चावल, मोती व चांदी का दान करना चाहिए | कन्याओं को खीर बनाकर भोजन करना चाहिए | अपने खाने में दही शामिल करना चाहिए. भगवान भोले शंकर की पूजा करनी चाहिए एवं दूध से अभिषेक करना चाहिए | सुबह दूध में भिंगोकर चावल गाय को खिलाने चाहिए | अपने शरीर में कुल 60 ग्राम चांदी धारण करना चाहिए | दाएं हाथ की कनिष्ठा उंगली में मोती चांदी की अंगूठी में सोमवार के दिन धारण करना चाहिए |
मंगल महादशा निवारण :
मंगल की महादशा के अशुभ प्रभाव देने पर बन्दरों को गुड़ और चना देना चाहिए | सात मंगलवार हनुमान जी को लाल लंगोट व मीठा पान चढ़ाएं | प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें | लाल वस्त्र ब्राह्मणों को दान दें | सोने अथवा ताम्बे में मूगा दाएं हाथ की अनामिका उंगली में मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए |
बुध महादशा निवारण :
आप अगर बुध की महादशा से पीड़ित हैं, तो निवारण हेतु गाय को प्रतिदिन हरी घास अथवा पालक खिलाएं | सीप की पूजा करें | बुध की वस्तु जैसे मूंग की दाल, हरे रंग की चूड़ी बुधवार के दिन दान करेंअथवा किन्नरों को दें | प्रतिदिन दुर्गा मां की पूजा करनी करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें | कनिष्ठा उंगली में पन्ना सोने अथवा चांदी में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए |
बृहस्पति महादशा निवारण :
बृहस्पति की वस्तु जैसे पीला वस्त्र, सोना, गुड़ व केसर का दान करना चाहिए | बृहस्पतिवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए | पीला चंदन लगाना चाहिए व बृहस्पतिवार के दिन पीला वस्त्र पहनना चाहिए | पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान की पूजा कथा करानी चाहिए | दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में सुनैला अथवा पीला पुखराज सोने में गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए |
शुक्र महादशा निवारण :
शुक्र की महादशा से अगर आप पीड़ित हैं तो शुक्र की वस्तु का दान करना चाहिए, जैसे - मिश्री, इत्र, दही, सफ़ेद वस्त्र आदि | गाय की सेवा करनी चाहिए और अपने खाने में से एक भाग निकालकर गाय को खिलाना चाहिए | माँ लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए | चांदी का बिना जोड़ का छल्ला दाएं हाथ के अंगूठे में पहनना चाहिए अथवा हीरा या ओपल रत्न अनामिका अंगुली में शुक्रवार के दिन धारण चाहिए | नाव की कील का छल्ला दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन धारण करना चाहिए |
शनि महादशा निवारण :
शनि की महादशा से बचने के लिए रोटी पर सरसों तेल लगकार गाय को अथवा कुत्ते को खिलाना चाहिए | शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी का दर्शन करना चाहिए | चांदी का चौकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें | बांसुरी में शक्कर भर कर एकांत स्थान में दबाएं | शनिवार के दिन दूध और काले तिल से पीपल की पूजा करनी चाहिए | शनिवार के दिन शनि मंदिर में दीप दान दें |
राहु महादशा निवारण :
राहु की महादशा में काले कुत्ते को मीठी रोटियां खिलाएं | सरसों का तेल व काले तिल का दान दें | रात को सोते समय अपने सिरहाने में जौ भिगोकर रखें जिसे सुबह पंक्षियों को दें | बहते पानी में शीशा { zinc } अथवा पूजा वाला नारियल प्रवाहित करें | माँ सरस्वती की पूजा करें | गोमेद चांदी की अंगूठी में दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन धारण करना चाहिए |
केतु महादशा निवारण :
अगर आप केतु की महादशा से पीड़ित हैं तो इसके उपचार के लिए लकड़ी के चार टुकड़े चार दिन तक बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए | कन्याओं को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करना चाहिए | ग़रीब अथवा ब्रह्मणों को कम्बल दान करना चाहिए | प्रतिदिन गणेश जी पूजा करनी चाहिए और गणपति जी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए | बहते जल में कोयले के 21 टुकड़े प्रवाहित करना चाहिए | दाएं हाथ की मध्यमा उंगली में लहसुनियां चांदी में बुधवार के दिन धारण करना चाहिए |
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