Sunday, 23 June 2024

शेयर मार्केट और ज्योतिष

शेयर बाजार में निवेश को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी रहती है। लेकिन फिर भी कई लोग शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज में रुचि रखते हैं। वे इस बाजार में किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए शेयर बाजार ज्योतिषी से परामर्श या सलाह ले सकते हैं।क्योंकि जब यह शेयर बाजार के बारे में बात होती हैतो ज्योतिष बहुत महत्वपूर्ण विषय हो सकता है, शेयर बाजार में निवेश करना जुए की तरह लग सकता है, क्योंकि यहाँ पहले कई निवेशकों के धन खोने की कहानियां मौजूद हैं।

किसी की कुंडली में ही होता है शेयर बाजार में सफ़लता का राज

किसी की कुंडली में लाभ देने वाले और हानि करने वाले ग्रहों की उपस्थिति इस क्षेत्र में निर्णायक हो सकती है। जब आपकी कुंडली में लाभकारी ग्रहों की उपस्थिति की तुलना में हानिकारक ग्रहों की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, तो शेयर बाजार के ज्योतिषी से परामर्श करना अपरिहार्य हो जाता है। शेयर बाजार ज्योतिष में राहु बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि निवेशक की सफलता या असफलता में राहु निर्णायक कारक है।
किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में, दूसरा घर और उस घर का स्वामी धन को दर्शाता है। पांचवां घर और उसका स्वामी शेयर बाजार, शेयर व्यापार या लॉटरी के माध्यम से मुनाफ़े के लिए होता है। आठवां घर और उसका भगवान अचानक लाभ को दर्शाता है, जबकि नौवां घर और इसके भगवान को। दसवां घर और उसका स्वामी पेशे की भविष्यवाणी करता है, तो 11वां घर, और इसके स्वामी धन और लाभ के लिए होते हैं। जबकि छठे और 12 वें घर और उनके स्वामी नुकसान का अनुमान लगाते हैं।

शेयर बाजार में मुनाफ़ा कमाने के लिए कुंडली में ग्रहों की स्थिति

  • आपकी कुंडली में धन योग है! जानने के लिए यहाँ क्लिक करें।
  • 11 वें घर में केतु की उपस्थिति लॉटरी और व्यापार से धन लाती है।
  • यदि 8 वें घर का भगवान, केतु के साथ दूसरे घर में स्थित होता है, तो यह अचानक धन आने का संकेत होता है।
  • दूसरे, पांचवें और 11 वें घर के स्वामी का संयोजन शेयर बाजार में प्राकृतिक रूप से लाभ कमाने में मदद करता है।
  • दूसरे, चौथे, नौवें और 11 वें घर के स्वामी का हानिकर प्रभाव से दूर होना शेयर बाजार में सफलता का आश्वासन देता है।
  • द्वितीय भाव में मंगल और राहु की स्थिति और 11वें भाव में बृहस्पति या शुक्र, शेयर ट्रेडिंग में अच्छे भाग्य को आमंत्रित करते हैं।
  • जब पांचवें और नौवें घर के स्वामी दूसरे, पांचवें, आठवें, नौवें और ग्यारहवें घर के स्वामी के संबंध में बनाते हैं तो धन योग बनता है।
  • दूसरे और 11 वें नंबर के स्वामियों का पांचवें और नौवें के स्वामी के साथ आदान-प्रदान स्टॉक ट्रेडिंग में उत्कृष्ट सफलता का संकेत देता है।
  • यदि दूसरे और 11 वें घर के स्वामी एक दूसरे के साथ अपनी राशियों की अदला-बदली करते हैं तो ये संकेत सफलता दिलाने वाला होता है।
  • यदि बृहस्पति को उदीयमान हो और दूसरे, पाँचवें और नौवें घर के स्वामी के द्वारा चित्रित किया गया हो तो शेयर बाजार में भारी लाभ की उम्मीद की जा सकती है।
  • जन्म कुंडली में चन्द्र मंगल योग जब बनता है, तो चंद्र और मंगल के साथ राहु और बुध 11 वें घर में उपस्थित होता है, तो जातक को ट्रेडिंग में सफलता मिलती है।
  • बृहस्पति और राहु को तृतीयांश या चतुर्थांश में स्थित होने या दूसरे/तीसरे अंश के स्वामियों के संयोजन के कारण, व्यक्ति को शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर सफलता मिल सकती है।


इन व्यक्तियों को शेयर मार्केट से रहना चाहिए दूर

👉 अगर जन्म कुंडली के अंदर पंचमेश अष्टम भाव में जाकर स्थित हो जाए तो व्यक्ति को अचानक से बड़े नुकसान की संभावना होती है।अतः ऐसे योगों में व्यक्ति को शेयर मार्केट संबंधी कार्यों से दूर रहना चाहिए।

👉 इसी तरह अगर जन्म कुंडली के अंदर पंचम भाव का स्वामी द्वादश भाव में जाकर स्थित हो जाए, तब भी व्यक्ति को शेयर मार्केट संबंधी कार्यों से दूरी बना लेनी चाहिए।

👉 अष्टमेश और द्वादश का पंचम भाव में स्थित होना भी अचानक से धन के नुकसान को बताता है। अगर यह स्थिति जन्म कुंडली में उपस्थित हो तब व्यक्ति को अत्यंत सोच समझकर शेयर मार्केट में जाना चाहिए। 

👉 बारहवें भाव के स्वामी का छठे-आठवें भाव में उपस्थित होना भी धन के नुकसान को बताता है। यह वैसे तो ज्योतिष के अंदर विपरीत राजयोग का निर्माण करता है। लेकिन द्वादशेश की दशा अंतर्दशा में निश्चित ही धन का नुकसान देता है। अतः इस स्थिति के अंदर स्वयं को शेयर मार्केट जैसे कार्यों से दूर रखना चाहिए।

👉 जन्म कुंडली के सामान्य योग में अगर धनेश छठे, आठवें या द्वादश भाव में स्थित हो तब जमा संपत्ति केनाश का योगबनता है या जमा संपत्ति गलत जगह खर्च हो सकती है। ऐसी स्थिति में शेयर मार्केट के कार्य को अत्यंत सोच समझ कर करना चाहिए। संभवतः बचना चाहिए।

👉 अगर जन्म कुंडली के अंदर लग्नेश अस्त हो वक्री हो या नीच राशि में विद्यमान हो तब भी शेयर मार्केट और जुआ सट्टा आदि से स्वयं को बचाना चाहिए।


शेयर मार्केट में लाभ प्राप्त करने के उपाय

·     👍 जन्म कुंडली के पांचवें भाव के स्वामी के उपाय करने से शेयर मार्केट में लाभ प्राप्ति के योग बनते हैं।

·    👍   इसी तरह आठवें भाव के स्वामी अगर अशुभ हो तो उस ग्रह की शांति करने से नुकसान की संभावना कम होती हैं।

·     👍  द्वादश भाव के स्वामी की दशा अंतर्दशा में शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए।

·   👍 एकादशी लाभ के स्वामी है लेकिन अगर इसके ऊपर शुभ ग्रह की दृष्टि ना हो या वह शुभ भाव में स्थित ना हो तब भी ऐसे समय में शेयर मार्केट में धन इन्वेस्ट करने से बचना चाहिए एवं एकादश इसकी दशा अंतर्दशा में अगर नुकसान हो रहा हो तो एक आदर्श के स्वामी का उपाय करना चाहिए। 

·     👍   भगवान श्री हनुमान की आराधना भी अचानक लाभ प्राप्ति में सहयोग करती है।

·      👍  मंगल देवता की उपासना से या मंगल ग्रह की उपासना से भी शेयर मार्केट में लाभ होता है।

·    👍 राहु शेयर मार्केट का स्थापित देवता माना जाता है। अतः राहु की उपासना राहु के जप और राहु के उपाय भी शेयर मार्केट के अंदर सफलता प्रदान करते हैं।


अन्य बिन्दु

💲 अचानक धन की प्राप्ति, धन लाभ या भाग्य उन्नति के लिए हम जन्म कुंडली के पांचवें भाव से देखते हैं। वहीं बिना कमाया हुआ धन, पैतृक संपत्ति या आशा से ज्यादा किसी कार्य के परिणाम में लाभ होने के लिए आठवें भाव को देखते हैं।

💲 शेयर मार्केट में आठवें भाव से संबंधित शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं। शेयर मार्केट में हमें उम्मीद से ज्यादा धन प्राप्त हो सकता है। मेहनत में ज्यादा धन प्राप्त हो सकता है। अतः आठवें भाव से संबंधित शुभ योग शेयर मार्केट में फलित हो सकते हैं।

💲 इसी तरह पांचवां भाव भी शेयर मार्केट से संबंधित है। पांचवें भाव के शुभ फलों में अचानक से भाग्योन्नति होती है। शेयर मार्केट के द्वारा भी अचानक धन प्राप्ति के योग बनाते हैं। अचानक से धन प्राप्ति होने पर भाग्य उन्नति महसूस होना यह शेयर मार्केट के द्वारा ही संभव है। अतः हम पांचवें भाव से भी शेयर मार्केट को जोड़ सकते हैं।

💲 जन्म कुंडली में लाभ की स्थितियों को सामान्यतः ग्यारहवें भाव से फलित करते हैं। ग्यारहवें भाव से ही हम किसी कार्य में लाभ होगा या नहीं होगा या जीवन में कब हमें लाभ होगा या हानि होगी इसका अनुमान लगाते हैं।

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