कहा जाता है कि दुनियां में संघर्ष का सबसे बड़ा कारण है सम्पत्ति। सभी व्यक्ति चाहते हैं, कि उनके हिस्से में अधिक से अधिक सम्पत्ति आए इसके लिए जब भी सम्पत्ति विभाजन की बात आती है, सभी हिस्सेदार अपने अपने स्वार्थ को साधने में जुट जाते हैं।
इस परिस्थिति में कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है, कि आपस में कलह, विवाद एवं संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है और बात अदालत तक पहु्च जाती है। ज्योतिष के नज़रिये से देखें तो इस तरह की स्थिति तब पैदा होती है, जब धन-सम्पत्ति का अशुभ मुहुर्त में बंटवारा किया जाए। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार जब सम्पत्ति बंटवारा करना हो उससे पहले मुहुर्त का विचार अवश्य कर लें। मुहुर्त का विचार करके बंटवारा करने से शांतिपूर्ण तरीके से विभाजन होता है और इसमें किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आती है। सम्पत्ति के बंटवारे के लिए आपको मुहुर्त का विचार किस प्रकार से करना चाहिए आइये दखें।
1.नक्षत्र विचार :
जिस दिन सम्पत्ति का बंटवारा करना हो उस दिन यह देखें कि नक्षत्र कौन सा है। अगर उस दिन हस्त, अश्विनी, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, स्वाती, पुनर्वसु, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, मृगशिरा, चित्रा और रेवती नक्षत्र हो तो यह बहुत ही शुभ होता है। इन नक्षत्रों को सम्पत्ति विभाजन के लिए श्रेष्ठ कहा गया है।
2.तिथि विचार :
किसी भी कार्य में मुहुर्त का आंकलन करने के लिए तिथि की शुभता का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। अगर तिथि शुभ नहीं हो तो परिणाम की अनुकूलता में आशंका रहती है, बात जब सम्पत्ति के बंटवारे की हो तो ध्यान रखना चाहिए कि जिस दिन बंटवारा करना हो उस दिन द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, त्रयोदशी एवं पूर्णिमा में से कोई तिथि विराजमान हो। उपरोक्त तिथियों को इस संदर्भ में उत्तम माना गया है।
3.वार विचार :
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सम्पत्ति के बंटवारे के लिए वार का भी आंकलन जरूर कर लेना चाहिए । जिस दिन बताए गये नक्षत्रों में से कोई नक्षत्र हो, उपरोक्त तिथियों में से कोई तिथि हो और रविवार, सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार में से कोई वार हो उस दिन आपको सम्पत्ति का विभाजन करना चाहिए।
इस विषय में ध्यान रखे कि जिस दिन आप सम्पत्ति का बंटवारा कर रहे है उस दिन मुहुर्त में लग्न शुभ हो । अगर स्थिति इस प्रकार की नहीं हो तो बंटवारा करने की न सोचें।
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